ram
0
0
Spread the love
82 Views

 

रामलला की प्रतिमा के साथ अरुण योगीराज। इसे केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। - Dainik Bhaskar
रामलला की प्रतिमा के साथ अरुण योगीराज। इसे केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।

अयोध्या के राम मंदिर के लिए रामलला की मूर्ति फाइनल हो गई है। इसे कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और कर्नाटक के पूर्व सीएम येदियुरप्पा ने सोशल मीडिया पर दी।

उन्होंने लिखा, ‘जहां राम हैं, वहां हनुमान हैं। कर्नाटक हनुमान की भूमि है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि हनुमान की भूमि कर्नाटक से रामलला के लिए यह एक महत्वपूर्ण सेवा है।’ उधर, भाजपा नेता येदियुरप्पा ने भी योगीराज को बधाई दी और इसे राज्य के लिए गौरव का पल बताया। हालांकि, राम मंदिर ट्र्स्ट ने इसकी अब तक कोई पुष्टि नहीं की है।

इससे पहले श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा था कि गर्भ गृह में सिर्फ भगवान राम के बाल रूप की मूर्ति स्थापित होगी। यह राम का वह रूप होगा, जिसमें वे 5 साल के बालक रूप में होंगे, क्योंकि मूर्ति भगवान के बाल स्वरूप की है, इसलिए मुख्य मंदिर के गर्भगृह में मां सीता की कोई मूर्ति नहीं होगी।

मैसूरु स्थित यह योगीराज का घर है। यहीं उनकी वर्कशॉप है।
मैसूरु स्थित यह योगीराज का घर है। यहीं उनकी वर्कशॉप है।

राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। इसमें 1 मिनट 24 सेकेंड का वक्त लगेगा। काशी के पंडितों ने यह मुहूर्त तय किया है। द्रविड़ बंधु पं. गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ और पं. विश्वेश्वर शास्त्री ने बताया था कि दोपहर 12 बजकर 29 मिनट 8 सेकेंड से मूल मुहूर्त होगा, जो 12 बजकर 30 मिनट 32 सेकेंड तक चलेगा। इस दौरान संत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहेंगे।

योगीराज ने भी कहा- मुझे अब तक कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली

अरुण योगीराज ने बताया कि उन्हें आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। उन्होंने कहा- मुझे खुशी है कि मैं उन मूर्तिकारों में हूं, जिन्हें इस काम के लिए चुना गया। मूर्ति ऐसी होनी चाहिए थी जिसमें भगवान का दिव्य बाल स्वरूप दिखे। लोग मूर्ति को देखें तो दिव्यता का एहसास हो। बच्चे जैसे चेहरे के साथ-साथ दिव्यता को ध्यान में रखते हुए, मैंने छह से सात महीने पहले काम शुरू किया था।

योगीराज की मां सरस्वती ने कहा कि यह हमारे लिए सबसे ज्यादा खुशी का पल है। मैं योगीराज को रामलला की मूर्ति को तराशते और आकार देते हुए देखना चाहती थी, लेकिन उसने कहा कि वह मुझे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन मूर्ति दर्शन के लिए ले जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Free web hosting
try it

hosting

No, thank you. I do not want.
100% secure your website.