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Ram Mandir: प्रवेश कैसे मिलेगा, समय क्या होगा, आरती में कैसे शामिल हो पाएंगे? राम मंदिर से जुड़े सवालों के जवाब

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Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को नए मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों श्रीराम लला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। आम जनमानस के लिए प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन यानी 23 जनवरी से प्रवेश मिलेगा।

विस्तार

रामनगरी अयोध्या समेत पूरा देश राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के इंतजार में है। 22 जनवरी की दोपहर नवनिर्मित मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस दिन देशभर से अध्यात्म, सिनेमा, खेल, विज्ञान और सियासत से जुड़ी लोग कार्यक्रम में सम्मलित होंगे। इससे पहले पवित्र नगरी को भव्य और दिव्य बनाया जा रहा है। मंदिर तक जाने वाले सड़क और यहां पड़ने वाले चौराहों को बेहद आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है। आम जनता के लिए भगवान के दरबार 23 जनवरी से खुलेंगे।

आइये जानते हैं राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी 10 अहम बातें… 

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा – फोटो : Amar Ujala
प्राण प्रतिष्ठा कब होगी?
अयोध्या में 22 जनवरी को नए मंदिर में भगवान राम के बाल रूप यानी राम लला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसके लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को शुरू हो जाएंगे। 16 जनवरी के दिन मंदिर ट्रस्ट की तरफ से नियुक्त यजमान प्रायश्चित समारोह का आयोजन करेंगे। इसके अलावा सरयू नदी के तट पर ‘दशविध’ स्नान होगा जिसमें विष्णु पूजा और गोदान जैसे अनुष्ठान भी शामिल होंगे।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा – फोटो : Amar Ujala
मंदिर परिसर में कैसे मिलेगा प्रवेश?
22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने वाले मेहमानों को सुबह 11 बजे से पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंचना होगा। प्रवेश के लिए आगंतुकों को आमंत्रण पत्र और आधार कार्ड दिखाना आवश्यक होगा। राम मंदिर ट्रस्ट ने फिलहाल कोई ड्रेस कोड नहीं तय किया है। इलेक्ट्रॉनिक सामान और प्रसाद को अंदर ले जाने की अनुमति नहीं होगी।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा – फोटो : Amar Ujala
प्राण प्रतिष्ठा का मुहूर्त क्या है?
22 जनवरी को भगवान राम नए राम मंदिर में विराजमान होंगे। काशी के वैदिक विद्वान प्राण-प्रतिष्ठा समारोह करेंगे। सुबह रामलला के विग्रह की पूजा की जाएगी और दोपहर में दोपहर 12:15 बजे से 12:45 बजे के बीच भगवान राम को मंदिर में विराजमान किया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों श्रीराम लला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होगी। रामलला रामनगरी की पंचकोसी परिक्रमा करेंगे, अयोध्या के मंदिरों में दर्शन-पूजन करेंगे।

आम लोगों को कब से प्रवेश मिलेगा?
आम जनमानस के लिए प्राण प्रतिष्ठा के अगले दिन यानी 23 जनवरी से प्रवेश मिलेगा। इससे पहले प्रधानमंत्री ने कहा था कि 22 जनवरी को अयोध्या आने का प्रयास न करें, इसकी जगह जब अयोध्या में प्रभु श्रीराम विराजमान हों, तो सभी लोग दीपावली मनाएं और अपने अपने घरों में श्रीरामज्योति जलाएं। 22 की शाम पूरा हिंदुस्तान जगमग होना चाहिए। उन्होंने अपील की थी कि जब हमने साढ़े पांच सौ साल इंतजार किया है तो कुछ दिन और इंतजार करना होगा। सुरक्षा और व्यवस्था के लिहाज से अयोध्या आने में जल्दबाजी ना दिखाएं क्यों कि अब यहां श्रीराम का मंदिर अनंतकाल तक रहेगा।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा – फोटो : Amar Ujala
रामलला के दर्शन कैसे कर सकते हैं?
प्रवेश द्वार में सिंह द्वार से होकर 32 सीढ़ियां हैं, जो गर्भगृह तक जाती हैं। यहां रामलला के 30 फीट की दूरी से दर्शन किए जा सकते हैं। मंदिर के चारों तरफ आयताकार परकोटा रहेगा।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा – फोटो : Amar Ujala
आरती का समय क्या है?
रामलला के अभिषेक समारोह 22 जनवरी से पहले ही राम जन्मभूमि मंदिर में ‘आरती’ पास लेने के लिए बुकिंग से शुरू हो चुकी है। दिन में तीन बार (सुबह 6:30 बजे, दोपहर 12:00 बजे और शाम 7:30 बजे) भगवान राम की आरती की जाएगी। आरती में शामिल होने के लिए ट्रस्ट द्वारा बनाए गए पास की आवश्यकता होती है, जिसके लिए आपको आईडी प्रूफ देना होगा।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा – फोटो : Amar Ujala
आरती के लिए पास लेने की प्रक्रिया क्या है?
इन तरीकों से भक्त पास ऑनलाइन बुक कर सकते हैं।
– श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की आधिकारिक वेबसाइट srjbtkshetra.org को विजिट करें
– अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें और ओटीपी के जरिए लॉग इन करें
– ‘आरती’ सेक्शन पर क्लिक करें
– तारीख, आरती का प्रकार चुनें जिसमें आप शामिल होना चाहते हैं
– अपना नाम, पता, फोटो, मोबाइल नंबर दर्ज करें
– मंदिर काउंटर से पास प्राप्त करें

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा – फोटो : Amar Ujala
श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं क्या हैं?
मंदिर परिसर में दिव्यांग और बुजुर्ग तीर्थयात्री के लिए भी विशेष सुविधाएं हैं। रैंप और लिफ्ट भी हैं। मंदिर ट्रस्ट का कहना है कि मंदिर के पास एक ऐतिहासिक कुआं (सीता कूप) है, जो प्राचीन काल का है। इसके अलावा, 25,000 लोगों की क्षमता वाला एक तीर्थयात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) का निर्माण किया जा रहा है। यह तीर्थयात्रियों के लिए चिकित्सा सुविधाएं और लॉकर सुविधा प्रदान करेगा।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा – फोटो : Amar Ujala
कैसा है राम मंदिर?
राम मंदिर को नागर शैली में बनाया जा रहा है। इसका गर्भगृह और भी खास और अनोखा है। मंदिर का गर्भगृह अष्टकोण में है और इसे इस तरह से बनाया गया है कि हर साल रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें गर्भगृह में विराजमान श्रीराम की मूर्ति पर पड़ेंगी। मंदिर की परिक्रमा गोलाई में बनाई गई है। इसके भूतल पर पांच मंडप बनाए गए हैं, जिनमें गृह मंडप, कीर्तन मंडप, नृत्य मंडप, रंग मंडप और प्रार्थना मंडप शामिल हैं। फिलहाल मंदिर की पहली मंजिल फर्श और प्रवेश द्वार पूरी तरह से तैयार है। जहां भगवान राम के बाल स्वरूप की प्राण प्रतिष्ठा होगी वह गर्भगृह भी तैयार हो चुका है। दूसरी और तीसरी मंजिल निर्माणाधीन है।

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा – फोटो : Amar Ujala
परिसर में और कौन से मंदिर हैं?
राम मंदिर परिसर के चारों कोनों पर चार मंदिर होंगे, इनमें सूर्य देव, देवी भगवती, गणेश भगवान और भगवान शिव को समर्पित होंगे। उत्तरी भुजा में मां अन्नपूर्णा का मंदिर, जबकि दक्षिणी भुजा में हनुमान जी का मंदिर है। परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि अगस्त्य, महर्षि विश्वामित्र, निषाद राज, माता शबरी और देवी अहिल्या की पूज्य पत्नी को समर्पित रहेंगे। मंदिर परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में कुबेर टीला पर जटायु की स्थापना के साथ-साथ भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार किया गया है।
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