Site icon Din bhar ki news

वानखेड़े में सचिन का स्टैच्यू लगा:तेंदुलकर का रणजी करियर यहीं शुरू हुआ, आखिरी टेस्ट यहीं खेला

sachin
0
0
Spread the love
66 Views

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) ने बुधवार 1 नवंबर को वानखेड़े स्टेडियम में सचिन तेंदुलकर के स्टैच्यू का इनॉगरेशन किया। सेरेमनी शाम 5 बजे हुई। सचिन की प्रतिमा स्टेडियम में सचिन तेंदुलकर स्टैंड के पास लगाई गई है। यह प्रतिमा उनके जीवन के 50 सालों को समर्पित है। इस साल अप्रैल में सचिन ने अपना 50वां जन्मदिन मनाया था।

अनावरण समारोह में सचिन तेंदुलकर के अलावा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, ​​​​BCCI सचिव जय शाह, BCCI उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और NCP नेता शरद पवार भी मौजूद रहे। इस दौरान सचिन की पत्नी अंजलि और बेटी सारा भी मौजूद रहीं।

दो दशकों के सफल करियर के बाद सचिन ने नवंबर 2013 में वानखेड़े स्टेडियम में ही अपना 200वां और अंतिम टेस्ट खेला था।

स्टैचू को स्टेडियम के भीतर सचिन तेंदुलकर स्टैंड के पास लगाया गया हैं।
अनावरण के दौरान सचिन वाइफ अंजली और बेटी सारा तेंदुलकर के साथ वानखेड़े स्टेडियम पहुंचे।

सचिन क्रिकेट को परिवार से ऊपर रखते हैं – शाह
जय शाह बोले कि, सचिन तेंदुलकर क्रिकेट को अपने परिवार से भी ऊपर रखते थे। जब सचिन 1999 में वर्ल्ड कप खेल रहे थे, तब उनके पिता का निधन हो गया था। इसके बाद वह फिर से इंग्लैंड गए और केन्या के खिलाफ शतक बनाया और इसे अपने दिवंगत पिता और देश को समर्पित किया।

शाह ने आगे कहा कि, सचिन ने ही सजेशन दिया था कि एमएस धोनी को टीम इंडिया का कप्तान बनाया जाना चाहिए।

इवेंट के दौरान सचिन तेदुलकर को उनकी प्रतिमा का रैप्लिका दिया गया।

मैंने अपना पहला रणजी मैच यहीं खेला- सचिन
स्टैच्यू बनने की बात पर सचिन तेंदुलकर ने इस साल मार्च में कहा था, ‘मुझे बहुत खुशी हो रही है। 1988 में वानखेड़े में यह सब शुरू हुआ। यहीं मैंने अपना पहला रणजी मैच खेला। मेरे प्रोफेशनल प्लेयर बनने से पहले यहीं पर कोच आचरेकर सर ने मुझे फटकार लगाई थी और उसके बाद से मैं एक सीरियस क्रिकेटर बन गया। ये मेरे लिए बहुत खास जगह है, इस जगह से मेरी बहुत ही खास यादें जुड़ी हुई हैं। वानखेड़े स्टेडियम में मेरा स्टैच्यू बनना बहुत बड़ी बात है।’

वानखेड़े स्टेडियम में हुआ था 2011 वर्ल्ड कप फाइनल
2011 वनडे वर्ल्ड कप का फाइनल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में ही खेला गया था। यहां भारत ने श्रीलंका को हराकर 28 साल बाद वर्ल्ड कप अपने नाम किया। भारत पहली ऐसी मेजबान टीम बनी थी, जिसने वर्ल्ड कप जीता था। इससे पहले किसी टीम ने अपनी जमीन पर वर्ल्ड कप नहीं जीता था। इसके साथ ही सचिन तेंदुलकर का वर्ल्ड कप जीतने का सपना भी पूरा हुआ था।

2011 में भारत ने 28 साल बाद वर्ल्ड कप जीता था।

सीके नायडू के बाद दूसरी बार किसी भारतीय प्लेयर का स्टैच्यू लगा
सचिन भारत के दूसरे क्रिकेटर हैं जिनका स्टैच्यू स्टेडियम में लगा है। अब तक सिर्फ पूर्व भारतीय कप्तान कर्नल सीके नायडू के ही तीन अलग-अलग जगह स्टैच्यू लगे हैं। इनमें इंदौर का होलकर स्टेडियम, नागपुर का विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन (VCA) स्टेडियम और आंध्र का YSR स्टेडियम शामिल है।

कर्नल सीके नायडू ने भारत के लिए 7 टेस्ट मैच खेले। इसके अलावा उन्होंने 207 फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैचों में 11,825 रन बनाए। उन्होंने 1936 में भारत के लिए आखिरी मैच खेला।

चिन्नास्वामी स्टेडियम में राहुल द्रविड़ के नाम पर भी है एक दीवार
भारत के पूर्व बल्लेबाज राहुल द्रविड़ के नाम भी बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर एक दीवार है। जिस पर तीन शब्द ‘कमिटमेंट, क्लास और कंसिस्टेंसी’ लिखे हैं। ये तीनों शब्द राहुल द्रविड़ की पर्सनैलिटी को बखूबी बयां करते हैं। द्रविड को ‘द वॉल’ यानी बेस्ट डिफेंसिव प्लेयर की उपाधि भी मिल चुकी है।

Exit mobile version